Thursday, April 13, 2006

ना इश्क किया, ना काम किया-फैज़

वो लोग बहोत खुशकिस्मत थे,
जो इश्क को काम समझते थे,
या काम से आशिकी करते थे

हम जीते जी मसरूफ रहे
ना इश्क किया,
ना काम किया

काम इश्क के आडे़ आता रहा
और इश्क से काम उलझता रहा
फिर आखिर तंग आकर हमने
दोनों को अधूरा छोड़ दिया

1 Comments:

Blogger Veena said...

Palko ke kinare humne bhigoye hi nahi,
woh sochte hai hum roye hi nahi,
woh puchte hai khwabon me kise dekhte ho,
hum hai ki ek umr se soye hi nahi...

Source: Ishq

10:32 PM  

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